विस्थापित गांवो को बिजली नही मिली तो बराज से एनटीपीसी को पानी की सप्लाई करेगे ठप: सुभाष दास

टंडवा: एनटीपीसी से विस्थापित गांव के विकास को लेकर सम्बंधित पंचायत के मुखिया गोलबंद हो रहें है। समस्याओं को ले आंदोलन को लेकर कमर कस लिया है। इस बावत एनटीपीसी विस्थापित पंचायत टंडवा, राहम, गाडीलौंग व कल्याणपुर पंचायत के मुखिया व उनके प्रतिनिधियों ने प्रेस वार्ता कर आंदोलन की चेतावनी दी है । आयोजित प्रेस वार्ता में टंडवा मुखिया पति सह समाजसेवी सुभाष दास ने कहा कि एनटीपीसी से चार पंचायत के लोग विस्थापित हुए हैं । इसके बाद भी इन पंचायतों के विकास को लेकर एनटीपीसी द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है।कहा कि टंडवा में बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा एक बड़ा मुद्दा है । कहा कि एनटीपीसी से चार राज्य रौशन हो रहे हैं पर टंडवा अंधेरे में है । कहा कि जल्द ही बिजली को लेकर बड़ा आंदोलन होगा, एनटीपीसी अगर टंडवा को बिजली नही देती तो बराज से पानी आपूर्ति ठप कराया जाएगा । कहा कि अगर बिजली नही तो पानी नही को लेकर आचार संहिता खत्म होने के बाद जोरदार आंदोलन किया जाएगा। आरोप लगाया कि आज सीसीएल और एनटीपीसी सिर्फ प्रदूषण के आग में जनता को झोंक रहे हैं । कोयले का धूल व एनटीपीसी के राख से लोग बीमार हो रहे है, मुख्य सड़क पर नियम को ताक पर रखकर कोयले की ढुलाई हो रही है । रोज लोग मौत की नींद सो रहे हैं । इसके बावजूद भी प्रशासन या प्रतिनिधि कोई ठोस कदम नही उठा रहे हैं।राहम मुखिया विश्वजीत उरांव ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा डीएवी स्कूल खोला गया है,पर पैसा के अभाव में रैयत उसमें अपने बच्चे को पढ़ा नही सकते है। एनटीपीसी बच्चो को मुफ्त शिक्षा भी नही दे पाती है । कल्याणपुर मुखिया महेश मुंडा ने कहा कि पावर प्लांट द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कोई कार्य नही किया गया है। एनटीपीसी व सीसीएल के अस्पताल में सर्दी बुखार के अलावे अन्य किसी बीमारी का समुचित इलाज नही होता है । गाड़ीलोंग मुखिया प्रतिनिधि मो मोइन ने कहा कि एनटीपीसी हो या सीसीएल रोजगार के क्षेत्र में कोई काम नही हो रहा है ।एनटीपीसी विस्थापित पंचायत के मुखिया का कहना है कि जल्द ही सभी मामलों पर जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

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